रिकॉर्ड बनाने में संदेह, पर होगा घमासान ▪️महेश साहू होंगे यदि भाजपा प्रत्याशी
रिकॉर्ड बनाने में संदेह, पर होगा घमासान
▪️महेश साहू होंगे यदि भाजपा प्रत्याशी
@खरसिया
एक जनप्रतिनिधि में आम जनमानस को यही चाहिए कि जो उनकी समस्याओं को सुने और उसका समाधान भी करवा सके। ऐसे सच्चे जनप्रतिनिधि की तलाश हर किसी को होती है, जिससे जनता अपना दर्द कह सके, जो हर सुख दुख में साथ खड़ा हो।
जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो, शासन प्रशासन तक आम जनमानस की बात को रख कर उन्हें न्याय दिलवा सके। मैं बात करना चाहता हूं महेश साहू की, जो 20 वर्षों से लगातार समाज सेवा कर रहे हैं। वहीं उनकी पकड़ प्रशासन तंत्र में इतनी ज्यादा है कि बिना किसी पद पर रहते हुए भी उनकी बातें प्रशासन द्वारा सदैव मानी जाती हैं। वे जनहित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, साथ ही आठों पहर आमजन हितार्थ लगे रहते हैं।
महेश साहू 12 वर्षों तक साहू समाज के जिलाध्यक्ष रहे। वहीं अभी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हैं। ऐसे में उनकी पकड़ गांव गांव तक हो चुकी है। इस बेहतरीन छवि को यदि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाती है, तो यह चुनाव यादगार रह जाएगा। कहना होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में ओपी चौधरी के मुकाबले की तरह इस बार भी मुकाबला काफी कठिन हो जाएगा। सभी लोगों के चहेते और स्वच्छ छवि वाले महेश साहू मतदाताओं के रुख को प्रभावशाली तरीके से पलट सकते हैं।
▪️ सुर्खियों में होगा खरसिया विधानसभा चुनाव
खरसिया विधानसभा में लगभग 18,000 साहू समाज के वोटर हैं, वहीं अघरिया समाज के लगभग 20,000 वोटर हैं। परंतु महेश साहू सर्वजन प्रिय होने के नाते हमेशा अगली पंक्ति में देखे जाते हैं। कलार समाज के लगभग 10,000 वोटर, माली-पटैल समाज के 10,000 वोटर, मारवाड़ी समाज के लगभग 5000 वोटरों के साथ आदिवासी समाज में भी अच्छी पकड़ रखने वाले महेश साहू क्षेत्र के लिए चिर परिचित नाम है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा द्वारा इस बार लोगों के चहेते महेश साहू को भी आजमाया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो खरसिया विधानसभा का चुनाव पुनः सुर्खियों में होगा।
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