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झुकेगा नही किसान””-:लारा संघर्ष , आर्थिक नाकेबंदी का दूसरा पायदान हुआ…

पैखाना सफाई कार्यक्रम 16 अप्रेल को…
रायगढ़! मसला था देश के विकास का इसको सामने करके रायगढ़ जिले के पुसौर विकास खण्ड के 9 गाँवो के किसानों की जमीनों को लेने की बात की गई फिर क्या था किसान इनकी लोक-लुभावन बातों पर आ गए और ख़ुशी-ख़ुशी दे दी जमीन अब सरकारी कम्पनियां ही झूठ लिखेगी तो फिर भरोसा किस पर करेंगे किसान।
आज सुबह से ही पूर्वघोषित आर्थिक नाकेबंदी के कार्यक्रम के दूसरे पायदान के लिये भुविस्थापितों का हुजूम जागरूकता के साथ एनटीपीसी लारा के सभी दरवाजों के सामने निवेदन करते हुए प्रयासरत रहा जिसे उपस्थित इंसानों ने स्वीकार किया और वापस भी हो गए जो समर्थन से ही रहा।
एनटीपीसी की लारा योजना बेहद ही नुकसान दायक साबित हुई भुविस्थापितों के लिये। इस योजना में जितनी जमीन की मांग की गई उतनी मिल गई उसके बाद रायगढ़ जिले से कोयला भी मिला और पानी तो महानदी से उपलब्ध हुआ अब पुनर्वास नीति की बात आई तो भुविस्थापितों को सन 2011-12 से ठगने का काम इस कम्पनी ने कर दिया जान लो कि लगभग10साल से भुविस्थापितों की फ़ौज को अपनी जमीन देकर एनटीपीसी के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा था पर जागरूक किसानों की फ़ौज ने 2015 से शुरू किया आंदोलन अब वही कहावत बनी की “”ये घोड़ा-ये मैदान”” लड़ाई शुरू हुई भुविस्थापितों के साथ-साथ लालफीताशाही ने पुलिस केस बनाया पर किसान झुके नही।
“”झुकेगा नही किसान”” अब राष्ट्रपिता महात्मागांधी जी के पद चिन्हों पर चल कर आर्थिक नाकेबंदी के रास्ते में चल कर अपनी नोकरी की 16सौ पदों को भर्ती की मांग पर अड़ा हुआ है।जब प्रदेश में सरकार किसानों की है तो जायज नियम अमल हो या फिर उद्योगपति अपनी खैर मना ले।
अब पूर्व से घोषित कार्यक्रम 16अप्रेल के एनटीपीसी टाउनशिप के मैत्री नगर के कालोनी में बने मकानों के पैखाने को सफ़ाई करने के कार्यक्रम किया जाएगा।
आंदोलन और विरोध निरन्तर जारी है भुविस्थापितों का और एनटीपीसी की आमने-सामने के लडाई चल रही है अब-जब भुविस्थापितों के द्वारा पैखाना सफाई के कार्यक्रम को भी अमल में लाया जाएगा तो इसे लालफीताशाही रोकेगी या होने देगी इस पर बेरोजगारों के द्वारा इसकी तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है।
लारा-संघर्ष
रायगढ़ जिला

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