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▪️शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का हल्लाबोल पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन ▪️मिनी स्टेडियम में प्रदर्शन कर रैली के रूप में पहुंचे कलेक्टोरेट, पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

▪️शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों का हल्लाबोल पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

▪️मिनी स्टेडियम में प्रदर्शन कर रैली के रूप में पहुंचे कलेक्टोरेट, पीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

रायगढ़। शासकीयकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे जिले के पंचायत सचिवों ने सोमवार को कलेक्टोरेट में हल्ला बोला। इसके पहले पंचायत सचिवों ने मिनी स्टेडियम में एकजुट होकर प्रदर्शन किया और रैली की शक्ल में कलेक्टोरेट पहुंच। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पंचायत सचिवों का कहना है कि चुनाव पूर्व भाजपा ने राज्य में उनकी सरकार बनने पर 100 दिनों के भीतर उनका शासकीयकरण करने का वायदा किया था, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इसके कारण प्रदेशभर के पंचायत सचिवों में भारी आक्रोश है और वे इन दिनों बेमियादी हड़ताल पर चल रहे हैं। इसके कारण पंचायतों का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।

इससे नवनिर्वाचित सरपंचों को भी कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं।
सचिवों का कहना है कि रायगढ़ जिले के सातों ब्लॉकों में वर्तमान में करीब 522 पंचायत सचिव कार्यरत हैं, जो लंबे समय से शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनाव के समय भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण कर दिया जाएगा, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी उस वादे को अब तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है।

इस आश्वासन के पूरा न होने से पंचायत सचिवों में भारी नाराजगी है और वे अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सचिवों की हड़ताल से पंचायत स्तर पर मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, पेंशन योजना, आवास योजना सहित अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर असर पड़ा है। प्रदर्शनकारी सचिवों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपना आंदोलन और उग्र करेंगे। फिलहाल जिला प्रशासन ने ज्ञापन प्राप्त कर मामले को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

पंचायत सचिवों के आंदोलन को नवनियुक्त सरपंचों का भी मिला समर्थन पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को अब और ताकत मिलती दिख रही है। उनकी मांग व आंदोलन को जिले के नवनियुक्त सरपंचों ने भी समर्थन दिया है। नवनिर्वाचित सरपंचों ने सचिवों के आंदोलन को जायज़ ठहराते हुए कहा कि पंचायत सचिव गांवों में शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनका असंतोष और हड़ताल पंचायत व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। उन्होंने भी सरकार से मांग की है कि पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को लेकर जल्द निर्णय लिया जाए, जिससे पंचायतों में ठप पड़ी विकास योजनाएं फिर से गति पकड़ सकें। सरपंचों ने कहा कि चुनाव के पूर्व जो वादे किए गए थे, उन्हें निभाना सरकार की जि़म्मेदारी है।

क्या कहते हैं डिप्टी कलेक्टर
शासकीय करण की मांग को लेकर जिले के समस्त पंचायत सचिव अपना आवेदन लेकर आए हुए थे, जिसपर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उनके आवेदन को पंचायत विभाग को प्रेषित किया जाएगा। आम जन को परेशानी न हो कहकर जिला पंचायत से पंचायत स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
समीर बड़ा, डिप्टी कलेक्टर

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