▪️खरसिया रेल ओवरब्रिज निर्माण में हो रही देरी, लोगों को हो रही परेशानी ।
▪️खरसिया रेल ओवरब्रिज निर्माण में हो रही देरी, लोगों को हो रही परेशानी
▪️भाजपा कांग्रेस की खींचातानि में जनता का समस्या जस्क तस्क
रायगढ़ जिले के खरसिया में रेल ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण एक साल से रुका हुआ है, जिससे स्थानीय नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 14 सितंबर 2022 को आरओबी का भूमिपूजन हुआ था और इसके लिए 64.95 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई थी, लेकिन एक साल से टेंडर की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इस देरी के कारण पुराने रेलवे फाटकों को बंद करने और मानव रहित क्रॉसिंग बनाने की योजना अटक गई है, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खरसिया रेलवे फाटक बंद होने के बाद कभी-कभी तीन-चार गाड़ियों के पार होने के बाद ही फाटक खोला जाता है, जिसका समय 30 से 40 मिनट या उससे भी अधिक हो जाता है। इस लंबे समय तक फाटक बंद रहने से कई बार मरीजों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है , और लोगो को कई तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सूत्रों के अनुसार, स्वीकृति में देरी का मुख्य कारण फंड की कमी बताई जा रही है। वहीं, चक्रधर नगर में एक नया आरओबी प्रस्तावित किया गया है, लेकिन खरसिया के लोग इस देरी से परेशान हैं और उनकी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि भी इस स्थिति को और जटिल बना रही है।
▪️भाजपा और कांग्रेस की खींचातानी से जनता का समस्या जस्क तस्क
कांग्रेस भाजपा अपनी सुर्खियां बटोरने और श्रेय लेने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं लेकिन जनता की समस्या वर्षों से बनी हुई हैं माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास होने के बावजूद भी ओवर ब्रिज का एक गड्ढा भी नहीं खोदा गया है आखिर विकास के नाम पर खरसिया पीछे क्यों हो रहा है जनता को समझना होगा की खरसिया की विकास में नजर किसकी लगी है खरसिया फाटक पूरे क्षेत्र में मशहूर है इधर के लोग उधर नहीं जाना चाहते उधर के लोग उधर नहीं जाना चाहते चल रहे हैं मजबूरी में इस समस्या को हर कोई जानता है हर जनप्रतिनिधि की नजर में है और हर नेता की नजर में हैं फिर फिर भी विकास की एक गिट्टी भी नहीं गिर रही है तो आखिर जनता की समस्या यूं ही बने रहेगी की यह भाजपा कांग्रेस खींचातानी करते रहेंगे।
▪️खरसिया विधानसभा के बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि राज्य में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
इन प्रतिनिधियों का केवल आश्वासन लेकर क्यों थम जाते हैं जनता की समस्याओं से भली भांति अवगत हैं इस फाटक की समस्या से हर कोई वाकिफ है और हर कोई मार खा रहा है कई व्यक्ति जान दे कर बैठे हैं लेकिन एक भी बुलंद आवाज नहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की ना ही धुरंधर नेताओं की केवल चुनाव में धुरंधारी करते हैं क्या जनता की समस्याओं को लेकर धुरंधारी क्यों नहीं करते हैं जनता क्यों मायूस रहते हैं इन प्रतिनिधि नेताओं की सामने बुलंद आवाज क्यों नहीं करते हैं जनता को जागना होगा और अपनी समस्याओं को अटल होकर लड़ाई लड़ना पड़ेगा क्योंकि कोई सुनने वाला नहीं है समस्या का जब तक समाधान नहीं होगा जनता को अटल होकर अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी इन जनप्रतिनिधि नेताओं के चक्कर में कब तक इस समस्याओं का भार झेलते रहेंगे।
▪️हर रोज एंबुलेंस और विद्यार्थियों को सबसे बड़ी मार
विद्यार्थी रोजाना रेलवे ट्रैक पार करके जान जोखिम मे लेकर जाते हैं स्कूल हजारों नन्हे विद्यार्थी अपने शिक्षा की मंदिर जाते हैं लेकिन कब अचानक क्या हो जाए कोई पता नहीं ओवर ब्रिज एवं अंडर ब्रिज का समस्याओं को लेकर विद्यार्थी और एंबुलेंस सबसे बड़ी मार झेल रहे हैं रोजाना सीरियस मरीज अपनी जान जोखिम में लेकर घंटा वक्त लगाकर फाटक पर इंतजार करते हैं लेकिन मरीज एंबुलेंस में सवार होकर कई लोगों की जान जा चुकी है कई विद्यार्थी बाल बाल बच्चे हैं और पशु जंतुओं की तो बात ही छोड़ दो इस समस्या का जब तक कोई बड़े राजनेता और प्रतिनिधियों के परिवार की कोई जान ना चले जाए तब तक यह समस्या उनको नजर नहीं आएगी आखिर कब तक विद्यार्थी और एंबुलेंस समस्याओं से जुझते रहेंगे |
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