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सांवेर के उल्‍टे हनुमान मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा पर विशेष आयोजन

इंदौर। अयोध्‍या में रामलला प्राण प्रतिष्‍ठा के अवसर पर जिले के सांवेर में स्थित ऐतिहासिक उल्‍टे हनुमान मंदिर में वि‍भिन्‍न आयोजन किए गए हैं। इस मंदिर में हनुमानजी के साथ भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और शिव-पार्वती की भी मूर्तियां भी विराजित की हैं।

सांवेर के उल्‍टे हनुमान में प्राण प्रतिष्‍ठा के मौके पर मंदिर में आकर्षक सजावट की गई है। यहां सुबह से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मंदिर में राम, सीता, लक्ष्‍मण का रूप धारण कर कलाकार पहुंचे। सुबह मंदिर में विशेष आरती और पूजा की गई।

सांवेर का पाताल विजय उल्‍टे हनुमान मंदिर ऐतिहासिक है। इसे हनुमानजी की पाताल विजय का प्रतीक बताया जाता है। रामायण के एक प्रसंग में कहा गया है कि जब भगवान श्रीराम और रावण का युद्ध हो रहा था तब अहिरावण वेश बदल कर भगवान राम की सेना में शामिल हो गया।

अहिरावण ने कर लिया था भगवान राम और लक्ष्‍मण का अपहरण

कहा जाता है कि एक रात को जब सब सो रहे थे तब अहिरावण ने अपनी मायावी शक्ति से भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को मूर्छित कर उनका अपहरण कर लिया था और उन्‍हें पाताल लोक ले गया था। जब भगवान राम की वानर सेना को इस बात का पता चला तो हड़कंप मच गया। इसके बाद हनुमान जी को यह पता चलता है कि अहिरावण भगवान राम और लक्ष्‍मण को पाताललोक ले गया है। इसके बाद हनुमानजी पाताल लोक पहुंच जाते हैं वे अहिरावण से युद्ध कर और उसका विनाश कर भगवान राम-लक्ष्मण को सुरक्षित ले आते हैं।

इसलिये कहलाते हैं उल्‍टे हनुमान

हनुमानजी जब भगवान राम और लक्ष्‍मण की खोज में पाताल लोग गए थे तब उनके पैर आकाश की तरफ और सिर पृथ्‍वी की ओर था। इस कारण इस मंदिर में हनुमानजी के उल्‍टे स्‍वरूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर सांवेर तहसील में है। यहां दर्शनों के‍ लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

दर्शन से पूरी होती है मनोकामना

यह कहा जाता है कि जो भक्त लगतार तीन या पांच मंगलवार तक उल्‍टे हनुमान के मंदिर के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

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