रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया BRO द्वारा निर्मित 29 पुलों व छह सड़कों का उद्घाटन
जोशीमठः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन/लोकार्पण करते हुए देश को समर्पित किया। इसमें सात राज्यों की छह सड़कें और 29 पुल शामिल है। परियोजनाओं को बीआरओ द्वारा 670 करोड़ रुपए की लागत पर पूरा किया गया।
इस दौरान, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत उनके साथ उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें उत्तराखंड में तीन पुल, जम्मू-कश्मीर में एक सड़क व 10 पुल, लद्दाख में तीन सड़कें व छह पुल, हिमांचल प्रदेश में एक पुल, सिक्किम में दो सडकें, अरूणाचल प्रदेश में आठ पुल तथा मिजोरम में एक पुल शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक पुल एवं भापकुंड पुल और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ पुल को शिवालित परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए हैं, जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है।” बीआरओ की सेवा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि सड़क, पुल आदि का निर्माण करके, संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक द्दष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के साथ भी जोड़ रहा है।
सिंह ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। उन्होंने कहा,‘‘एक समय था, जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन द्वारा किया जा सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका।” उन्होंने कहा,‘‘ये सोच आज बदल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम इन क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं। वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। उन्होंने उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हाल ही में शुरू किए गए सिलक्यारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया। सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठन से जुड़े लोगों की मेहनत को मान्यता देती है। उन्होंने कहा,‘‘हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है।” उन्होंने कहा कि कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दिया गया है। हाल ही में, मैंने हमारे सीपीएल के लिए 10 लाख रुपए के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे। सिंह यहां बीआरओ के जवानों से भी मिले और उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने में बीआरओ के कार्यों की जमकर सराहना भी की।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि आगमन पर रक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यों को आगे बढाने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ पूरे मनोरथ से काम कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्यो को गति प्रदान करने के लिए उन्होंने बीआरओ की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
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