डीपफेक का शिकार बने सचिन तेंदुलकर, फर्जी वीडियो वायरल होने के बाद लोगों को किया सतर्क
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने उस वीडियो को फर्जी बताया है जिसमें उन्हें और उनकी बेटी सारा को एक ऐप इस्तेमाल कर आसानी से पैसा कमाने के लिए कहा गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो में पृष्ठभूमि में तेंदुलकर को एक अलग व्यक्ति की आवाज के साथ दिखाया गया है। क्लिप में कहा गया कि तेंदुलकर की बेटी एक खास गेम खेलती है जिससे उन्हें पैसे कमाने में मदद मिलती है। क्लिप सामने आने के बाद तेंदुलकर ने सफाई देते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट डाला है।
महान क्रिकेटर ने कहा कि वह ‘टेक्नोलॉजी के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग’ को देखकर परेशान थे। उन्होंने ‘गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार’ को रोकने की भी अपील की और लोगों से अधिक सतर्क और सावधान रहने को भी कहा। तेंदुलकर ने कहा, ‘ये वीडियो फर्जी हैं। टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग देखना परेशान करने वाला है। सभी से बड़ी संख्या में इस तरह के वीडियो, विज्ञापन और ऐप्स की रिपोर्ट करने का अनुरोध करें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को शिकायतों के प्रति सतर्क और प्रतिक्रियाशील रहने की जरूरत है। गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए उनकी ओर से उचित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’
तेंदुलकर ने अपने पोस्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और महाराष्ट्र साइबर क्राइम को भी टैग किया। डीपफेक, ‘डीप लर्निंग’ और ‘फेक’ का एक संयोजन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके बनाई गई हाइपर-यथार्थवादी वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं। ये हेरफेर किए गए मीडिया व्यक्तियों को ऐसी बातें कहते या करते हुए चित्रित कर सकते हैं जो उन्होंने कभी नहीं कीं जिससे असंख्य नैतिक और सामाजिक चिंताएं पैदा होती हैं।
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